पदाति सेना का अर्थ
[ pedaati saa ]
पदाति सेना उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- वह सेना जिसका सैनिक किसी वाहन पर सवार नहीं होता है अपितु भूमि पर रहकर युद्ध करता है:"प्राचीन काल में युद्ध में पैदल सेना का बड़ा महत्व होता था"
पर्याय: पैदल सेना, पद सेना, पदातिक सेना
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- पदाति सेना की टुकड़ी को ' चमूय ' कहा जाता था।
- उसकी धीरे-धीरे चलने वाली पदाति सेना सबसे आगे थी , उसके पीछे हस्तिसेना थी।
- इसी बीच अमरीका में पदाति सेना के लिए हलके तथा मध्यम टैंक भी बने।
- इसी बीच अमरीका में पदाति सेना के लिए हलके तथा मध्यम टैंक भी बने।
- आदिवासी जनता ही राजा की पदाति सेना , कृषक तथा आखेट की सहयोगी रही होगी।
- इन समस्त कारणों से भारतीय पदाति सेना में अत्यन्त असन्तोष था , जबकि समस्त भारतीय सैन्यशक्ति में अंग्रेज़ सैनिकों की संख्या केवल पाँचवाँ भाग थी , अर्थात् 2,33 ,000 में से 45,322 अंग्रेज़ सैनिक थे।
- भारतीय पदाति सेना का यह असन्तोष उस समय हताशा में परिवर्तित हुआ , जब उन पर चर्बी लगे हुए कारतूसों के साथ एन्फ़ील्ड रायफ़लें ( बन्दूक़ें ) लादी गईं , जिनसे हिन्दू और मुसलमान दोनों ही धर्मों के सिपाहियों को धर्मभ्रष्ट होने का भय हुआ।
- में एकाएक बूंदी के केशोरायपाटन स्थान पर बलवंत सिंह को जा घेरा | वह अपने अनुज शेर सिंह तथा दो पुत्र धौंकल सिंह और फतह सिंह सहित तीर्थ यात्रा के लिए केशोरायपाटन गया हुआ था | अंग्रेजों ने महाराज राणा माधव सिंह सहित अपनी अश्व , पदाति सेना और तोपखाना को लेकर केशोरायपाटन की नाके बंदी कर बलवंत सिंह को आत्म समर्पण करने के लिए जो सन्देश भेजा उसकी अभिव्यक्ति का स्वर एक वीर गीत की दो पंक्
- में एकाएक बूंदी के केशोरायपाटन स्थान पर बलवंत सिंह को जा घेरा | वह अपने अनुज शेर सिंह तथा दो पुत्र धौंकल सिंह और फतह सिंह सहित तीर्थ यात्रा के लिए केशोरायपाटन गया हुआ था | अंग्रेजों ने महाराज राणा माधव सिंह सहित अपनी अश्व , पदाति सेना और तोपखाना को लेकर केशोरायपाटन की नाके बंदी कर बलवंत सिंह को आत्म समर्पण करने के लिए जो सन्देश भेजा उसकी अभिव्यक्ति का स्वर एक वीर गीत की दो पंक्
- में एकाएक बूंदी के केशोरायपाटन स्थान पर बलवंत सिंह को जा घेरा | वह अपने अनुज शेर सिंह तथा दो पुत्र धौंकल सिंह और फतह सिंह सहित तीर्थ यात्रा के लिए केशोरायपाटन गया हुआ था | अंग्रेजों ने महाराज राणा माधव सिंह सहित अपनी अश्व , पदाति सेना और तोपखाना को लेकर केशोरायपाटन की नाके बंदी कर बलवंत सिंह को आत्म समर्पण करने के लिए जो सन्देश भेजा उसकी अभिव्यक्ति का स्वर एक वीर गीत की दो पंक्तियों में सुनिए-